बिटकॉइन की दुनिया में एक अनोखी और दिलचस्प कहानी है, जो आज भी लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है। यह कहानी 22 मई 2010 की है, जब एक प्रोग्रामर, लाज़लो हैनिज़ (Laszlo Hanyecz), ने 10,000 बिटकॉइन देकर दो पिज्जा खरीदे। आइए इस घटना की गहराई में जाते हैं।
कहानी की शुरुआत
लाज़लो हैनिज़ उस समय बिटकॉइन के शुरुआती समर्थकों में से एक थे। उन्होंने बिटकॉइन फोरम पर एक पोस्ट लिखी, जिसमें उन्होंने यह प्रस्ताव रखा कि जो कोई उनके घर पर दो पिज्जा डिलीवर करेगा, वह उसे 10,000 बिटकॉइन देगा। उस समय बिटकॉइन की कीमत बहुत कम थी—लगभग $0.0041 प्रति बिटकॉइन।
पिज्जा का ऑर्डर
कुछ दिनों बाद, जेरेमी स्टर्डिवेंट नामक एक व्यक्ति ने लाज़लो के प्रस्ताव को स्वीकार किया और उनके घर पर दो डोमिनोज़ पिज्जा डिलीवर किए। इस ट्रांजेक्शन के माध्यम से लाज़लो ने 10,000 बिटकॉइन का भुगतान किया। उस समय किसी को भी यह अंदाजा नहीं था कि भविष्य में बिटकॉइन की कीमत कितनी बढ़ जाएगी।
आज की स्थिति
आज, जब हम इस घटना को देखते हैं, तो 10,000 बिटकॉइन की कीमत लगभग 8000 करोड़ रुपये (या 1 बिलियन डॉलर से अधिक) हो गई है। यदि लाज़लो ने उन बिटकॉइन को बचाकर रखा होता, तो वह आज अरबपति होते। यह घटना न केवल लाज़लो के लिए बल्कि पूरी क्रिप्टोकरेंसी दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बन गई।
बिटकॉइन पिज्जा डे
इस घटना की याद में हर साल 22 मई को “बिटकॉइन पिज्जा डे” मनाया जाता है। इस दिन दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी प्रेमी विशेष रूप से पिज्जा का आनंद लेते हैं और इस ऐतिहासिक ट्रांजेक्शन को याद करते हैं। कई पिज्जा प्रदाता इस दिन विशेष छूट भी देते हैं ताकि लोग इस दिन को खास बना सकें।
लाज़लो हैनिज़ की कहानी हमें यह सिखाती है कि कभी-कभी छोटी-छोटी चीजें भविष्य में बड़ी घटनाओं का हिस्सा बन जाती हैं। भले ही लाज़लो ने केवल दो पिज्जा के लिए 10,000 बिटकॉइन खर्च किए हों, लेकिन यह ट्रांजेक्शन आज भी क्रिप्टोकरेंसी के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
इस कहानी ने न केवल लोगों को क्रिप्टोकरेंसी के प्रति जागरूक किया बल्कि यह भी दिखाया कि कैसे तकनीकी नवाचार हमारे जीवन को बदल सकता है। इसलिए, जब आप अगली बार पिज्जा का ऑर्डर करें, तो याद रखें कि कभी-कभी एक साधारण निर्णय भी इतिहास बना सकता है!
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