हाल ही में, भारतीय मूल के अरविंद श्रीनिवास, जो पेरप्लेक्सिटी एआई (Perplexity AI) के सीईओ हैं, ने एलन मस्क को USAID (United States Agency for International Development) के मुद्दे पर खुली चुनौती देकर सुर्खियां बटोरीं हैं। यह घटना तब हुई जब पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने USAID को बंद करने का फैसला किया और एलन मस्क ने भी इस एजेंसी को “आपराधिक संगठन” कहा था।
मामला क्या है?
दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने USAID को बंद करने का आदेश दिया और इसे “भ्रष्ट” बताते हुए कई कर्मचारियों को निकाल दिया। इसके बाद, एलन मस्क ने भी USAID को “आपराधिक संगठन” कहकर इसकी आलोचना की और इसे बंद करने की वकालत की।
इस परिप्रेक्ष्य में, अरविंद श्रीनिवास ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक मजाकिया पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने लिखा, “मैं USAID से 500 अरब डॉलर की फंडिंग हासिल करने पर विचार कर रहा हूं। फंडिंग मिल गई। मुझे रोक सको तो रोक लो एलन मस्क।”
इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर काफी प्रतिक्रियाएं आईं, कुछ लोगों ने इसे मजाकिया बताया तो कुछ ने इसे ध्यान आकर्षित करने का तरीका बताया।
कौन हैं अरविंद श्रीनिवास?
अरविंद श्रीनिवास पेरप्लेक्सिटी एआई (Perplexity AI) के सीईओ हैं। पेरप्लेक्सिटी एआई एक सर्च इंजन है जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) पर आधारित है और उपयोगकर्ताओं को सीधे जवाब देने में सक्षम है।
USAID क्या है?
USAID (United States Agency for International Development) एक अमेरिकी एजेंसी है जो दूसरे देशों को विकास कार्यों के लिए फंडिंग मुहैया कराती है। इसकी स्थापना 1961 में जॉन एफ कैनेडी ने की थी। USAID का मुख्य उद्देश्य दूसरे देशों में आर्थिक विकास, मानवीय सहायता और लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देना है।
हालांकि, कुछ समय पहले डोनाल्ड ट्रंप ने इस एजेंसी को “पागलों के एक झुंड” द्वारा चलाया जा रहा बताया था और एलन मस्क ने भी इसे “आपराधिक संगठन” कहा था।
विवाद के कारण
USAID पर आरोप है कि यह करदाताओं के पैसे की बर्बादी करता है और इसके वित्तीय रिकॉर्ड में कई “बेतुका खर्च” है। ट्रंप प्रशासन ने USAID के वित्तीय रिकॉर्ड को सार्वजनिक करते हुए कई परियोजनाओं को “बेतुका खर्च” बताया है। एलन मस्क ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह करदाताओं के पैसे की पागलखाने जैसी बर्बादी है!”
विवाद का प्रभाव
USAID के बंद होने के बाद अब अंतरराष्ट्रीय विकास और मानवीय सहायता कार्यों पर इसका क्या असर पड़ेगा, यह देखने वाली बात होगी। कई जानकारों का मानना है कि इससे एचआईवी ट्रीटमेंट जैसे कार्य प्रभावित होंगे, जिससे करीब 2 करोड़ लोग सीधे तौर पर प्रभावित होंगे।
अरविंद श्रीनिवास और एलन मस्क के बीच यह विवाद USAID के भविष्य और अंतरराष्ट्रीय विकास के मुद्दे पर एक महत्वपूर्ण बहस को जन्म देता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विवाद का क्या परिणाम निकलता है और USAID का भविष्य क्या होता है।
यह घटना यह भी दर्शाती है कि सोशल मीडिया पर मजाकिया टिप्पणियां भी गंभीर मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करने और बहस को बढ़ावा देने का काम कर सकती हैं। अरविंद श्रीनिवास का ट्वीट एक उदाहरण है कि कैसे एक मजाकिया पोस्ट भी एक बड़े विवाद को जन्म दे सकती है और लोगों को सोचने पर मजबूर कर सकती है।
अतिरिक्त जानकारी
- डोनाल्ड ट्रंप ने USAID के केवल 300 कर्मचारियों को बनाए रखने की योजना बनाई है और USAID को विदेश विभाग में विलय करने का प्रस्ताव रखा है।
- कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस के अनुसार, USAID में 10,000 से अधिक कर्मचारी कार्यरत थे, जिनमें से दो-तिहाई अमेरिका से बाहर तैनात थे।